Institute of Forest Biodiversity Hyderabad
भावाअशिप - वन जैव विविधता संस्थान
ICFRE - Institute of Forest Biodiversity
Hyderabad, Telengana (India)

वन अनुसंधान केन्द्र, तटीय पारिस्थितिकी तंत्र, विशाखापत्तनम

अद्यतन दिनांक (Last Updated on) : 21 March 2023

तटीय पारिस्थितिकी तंत्र केन्द्र, विशाखापत्तनम

 

परिचय
वन अनुसंधान संस्थान तथा महाविद्यालय की स्थापन देहरादून में वर्ष 1906 में हुई तथा वर्ष 1988 में इसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के रूप में पुनर्गठित किया गया। परिषद् को भारतीय वनों तथा वन उत्पादों पर अनुसंधान संचालित करने के लिए प्रत्यायुक्त किया गया है। काष्ठ उत्पादों में प्रमुख उत्पाद प्रकाष्ठ होने के कारण, उपयोजन के दौरान इसके रक्षण संबंधित पक्षों को काष्ठ परिरक्षण शाखा को सुपुर्द किया गया। वर्ष 1931 में ही, इस शाखा ने देश में समुद्री व्यापार तथा संसाधनों में उपयोग होने वाले वृहद समुद्रतट एवं एकमुश्त प्रकाष्ठ उपयोग के लिए जलीय परिस्थितियों के अंतर्गत काष्ठ रक्षण में अनुसंधान आवश्यकताओं को समझा था। हालांकि इस दृष्टिकोण को वर्ष 1953 में डाॅ. ए. पुरूषोत्तम के निर्देशन में सकेंद्रित कर मुंबई, कोच्ची, तिरूवनंतपुरम, चेन्नई तथा विशाखापत्तनम में ‘‘मरीन केन्द्रों‘‘ की स्थापना हुई। उत्तरोत्तर में, तिरूवनंतपुरम केन्द्र को कोच्ची केन्द्र के साथ मिला दिया गया जबकि मुंबई केन्द्र को गोवा में स्थापित किया गया। वर्ष 1977 में, इन केन्द्रों को वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून से पृथक कर वन अनुसंधान प्रगोशाला, बेंगलौर में मिला दिया गया जिसे कालांतर में भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के अंतर्गत वर्ष 1988 में काष्ठ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में पुनःनामकरण किया गया। वर्ष 1998 में, चार मरीन केन्द्रों को एक एकल इकाई - वुड बायोडिग्रेडेशन सेण्टर (मरीन), विशाखापत्तनम के रूप में एकीकृत किया गया तथा स्वतंत्र भवन के साथ प्रयोगशाला सुविधाएं स्थापित की गई। वर्तमान में, संपूर्ण देश में समुद्र जल के अंदर काष्ठ रक्षण संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में अनुसंधान के लिए यह एकमात्र केन्द्र है। दिनांक 1 अप्रैल 2016 से केन्द्र को तटीय पारिस्थितकी तंत्र केन्द्र के रूप में इसका नामकरण किया गया है तथा वन जैवविविधता संस्थान, हैदराबाद के साथ संबद्ध किया गया है।

 


संकल्पना
वन जैवविविधता के संरक्षण तथा उत्पादकता संवृद्धि तथा आजीविका समर्थन हेतु वन आनुवंशिक संसाधनों के संवहनीय उपयोजन में उत्कृष्टता को प्राप्त करना।


अधिदेश
पूर्वी घाट, मैंग्रोव तथा तटीय पारिस्थितिकी तंत्र एवं कृषिवानिकी संसाधन विकास पर ज्ञान व प्रौद्योगिकीयों के प्रसार से, विशेष महत्व के साथ संस्थान वन जैवविविधता के संरक्षण तथा संवहनीय उपयोजन पर अनुसंधान संचालित करने के लिए अधिदेशित है।


अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:-
प्रमुख
तटीय पारिस्थितिकी तंत्र केन्द्र
वन जैवविविधता संस्थान
वाया, योगा विपेज, बीच रोड
आन्ध्रा यूनिवर्सिटी पोस्ट,
विशाखापत्तनम - 530003
फोन: 0891 - 2793022
ई-मेल:
Head_FRCCE_Vizag[at]icfre[dot]org

 

 

 

संकल्पना एवं विकास: सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग, भा.वा.अ.शि.प. मुख्यालय